8TH SEMESTER ! भाग-23 ( Sidar~ सिदार )
Chapter-8: SIDAR~ सिदार
भाग -1
"थोड़ा बरफ डाल, साला बहुत कड़वा है...."वरुण ने अपनी ग्लास खाली करके कहा"ये क्या बे, तू तो सेनटी कर रहा है अरमान मुझको अपने ये स्टोरी सुनकर... बहुत बुरा अंत हुआ ये तो "
"अंत...?? ये तो सिर्फ शुरुआत है.. अंत तो इससे भी बुरा होगा "
"खैर आगे सुना... मजा आ रहा है"
.
"उसकी और मेरी मोहब्बत की बड़ी अजीब दास्तान है...
उधर ना उसका दिल खिला , इधर मेरा दिल भी रेगिस्तान है....."
उस दिन ना जाने मुझे क्या हो गया था , ईशा को गौतम के इतने करीब देखकर मैं अपना आपा खो बैठा था...उस दिन मैं नवीन के रूम पर नही रुका, अरुण का बहुत मन था लेकिन मेरी वजह से , मेरे हॉस्टल वापस आने की ज़िद की वजह से नवीन ने मुझे और अरुण को शाम के समय हॉस्टल छोड़ दिया....
" i want to know about everything about both of them... की उनका रिश्ता कब से और कैसे शुरू हुआ था....कहा से हुआ था... "हॉस्टल के अंदर घुसते ही मैने अरुण से कहा....
" मैं सबकी जनम कुंडली लेकर नही बैठा हूँ, जो तू सबके बारे मे मुझसे पूछता फिरे.... और मै तुझे बताता चलु.. "अरुण खिसिया कर बोला.... नवीन के रूम से मेरी वजह से आने के कारण अरुण शायद नाराज़ था
"कुछ जुगाड़ नही है..."
"सॉलिड जुगाड़ है....यहाँ से कुछ दूरी पर दारू भट्टी है वहाँ से एक बोतल ला और पीकर ईशा और अपनी बेमतलब की लव स्टोरी का दा एंड कर दे....समझा..."
"सीधे-सीधे बोल ना कि तेरी फट गयी है..."
"जैसा तू समझ...."
अब मुझे पक्का यकीन था कि अरुण नाराज़ है और उसकी नाराज़गी की वजह शायद ये थी कि मैं ना तो खुद नवीन के रूम मे रुका और ना ही उसे रुकने दिया...
"अरमान का रूम यही है क्या..."मैं अपने बिस्तर पर और अरुण अपने बिस्तर पर लेटा हुआ था ,तभी मुझे ये आवाज़ सुनाई दी, मेरे रूम के बाहर कोई था जो मेरे बारे मे पुछ रहा था, मैं खुद बाहर जाने के लिए उठा ही था कि दनदना के तीन सीनियर्स मेरे रूम मे आ धमके... ये आवाज़ सुनते ही शायद मुझे अंदाजा हो गया था... इसीलिए मै लड़ाई के मूड मे अपना हाथ बांधे जल्दी से उठ खड़ा हुआ....
"तुम दोनो मे से अरमान कौन है..."
"मैं हूँ..."मैने उनसे कहा और अंदर ही अंदर शपथ ले ली कि यदि ये कुछ उल्टा सीधा करेंगे तो मैं बिना कुछ सोचे इनसे भिड़ जाउन्गा......
"इसे पहचानता है..."उन तीनो मे से एक के हाथ मे एक फोटो थी ,जिसे दिखा कर वो मुझसे पुछ रहे थे...उनके हाथ मे उसी शक्स की पासपोर्ट साइज फोटो थी जिसने वरुण और उन पाँच वेश्याओं के साथ मिलकर मेरी रैगिंग ली थी.....
"हां...."
"इसने वरुण के साथ मिलकर तेरी रैगिंग ली थी...."
"निशान अभी तक मेरे पीठ मे है...."
"तू सुन..."एक ने मेरे कंधे पर हाथ रखा और मेरी तरफ देख कर बोला"ये साला सबसे बड़ा चूतिया है और वरुण उससे भी बड़ा, एक सीनियर हॉस्टल वाला जूनियर हॉस्टल वाले की रैगिंग ले तो वो चलता है क्यूंकी हॉस्टल वाले सीनियर का ये जन्मसिद्ध अधिकार है....लेकिन यदि कोई सिटी वाला हॉस्टल वाले की रैगिंग ले तो फिर उनकी बैंड बजानी पड़ती है....इसको तो हमने बहुत मारा , अब ये तेरे पास भूल के भी नही भटकेगा और रही बात वरुण की ....तो कल सुबह रिसेस मे बाइक स्टैंड पर मिलना....."
"पर क्यों..."मेरे मुँह से अपने आप ये निकाल गया...
वो तीनो बाइक स्टैंड मे मिलने का बोल, वहा से जाने लगे थे.. लेकिन मेरे इस क्यों के चक्कर मे उन्हें रुकना पड़ गया और उनमे से एक ने मेरे क्यों का जवाब दिया.....
"वरुण से बदला नही लेना क्या...? यदि लेना है तो कल लंच मे पार्किंग मे मिलना..."
"थैंक यू, सर ."मैं खुशी खुशी नाचना चाहता था,लेकिन मैने खुद को कंट्रोल किया....
"एक बात बता..."मेरे कंधे पर हाथ रख उसने मुझसे पूछा "तूने आज उन पाँचो चुड़ैलों को छेड़ा था क्या..."
"हल्का सा मज़ाक किया था उनके साथ...लेकिन आपको किसने बताया..."
"मुझे किसने बताया वो छोड़ और यदि वो कल कॉलेज के पीछे वाले गेट के पास दिखे तो हल्का मज़ाक नही थोड़ा ज़्यादा कर लेना.... क्यूंकि वो कम्प्लेन नही कर पाएंगी.. क्यूंकि यदि वो ऐसा करेंगे तो रैगिंग के केस मे पहले वो चुड़ैले अंदर जाएंगी... इसलिए... जो मन मे आए वो करना नेक्स्ट टाइम...चल, बाय..."
"अरुण....... ये कौन था...."उन तीनो के जाने के बाद मैने अरुण से पुछा....
"अबे इसको नही जानता..."
"ना...कौन है..."
" वरुण का सबसे बड़ा दुश्मन , सामने का नाम नही मालूम लेकिन इसका सरनेम Sidar है और सब इसे सिदार ही कहते है....."
इसके बाद अरुण ने सिदार की पूरी जन्मपत्री खोल के रख दी... जो उसे bhu के जरिये मालूम चली थी. सिदार को हॉस्टल मे रहने वाले मशीहा के नाम से भी पुकारते थे...कहते है कि जब सिदार फर्स्ट ईयर मे था तो उसकी किसी सीनियर ने जम कर रैगिंग ली थी, लेकिन उसके बाद उसने एनएसयूई का इलेक्शन जीता और सारे कॉलेज मे हाइलाइट हुआ और जब वो थर्ड ईयर मे आया तो जिस सीनियर ने उसकी रैगिंग ली थी उसे उसने कुत्तो की तरह मारा था.....अब वो 4th ईयर मे था... यानी विभा का बैच मेट और हॉस्टल के स्टूडेंट्स को परेशान करने वालो की खटिया खड़ी कर देता था.....हॉस्टल वालो की यूनिटी का सबसे बडी वजह शायद सिदार ही था.....
लेकिन कुछ टुच्चे रहते है जो खुद को तीस मार ख़ान समझ कर होशियारी मारते है....मेरी रैगिंग हॉस्टल के जिस सीनियर ने वरुण के साथ मिलकर उस ग्राउंड मे ली थी वो भी उन तुच्चो मे से था और हमेशा बात बात पे सिदार के खिलाफ जाता था , यदि वरुण के साथ मिलकर उसने मेरी रैगिंग ना ली होती तो शायद सिदार उसे छोड़ भी देता और बात दब भी जाती....लेकिन जब मैने कल उन 5 चुड़ैलों को छेड़ा तो वो पूरे कॉलेज मे वो गॉसिप का मैटर बन गया की फर्स्ट ईयर के एक लड़के ने फाइनल ईयर की लड़कियों की ले ली है... ये बहुत बडी बात थी... पहले पहल तो मैने भी ध्यान नही दिया... लेकिन ज़ब फिर समय मिलने पर इसे समय दिया तो समझ आया की.. वाकई , यार... और वो भी जब वो लड़की, वरुण की गर्लफ्रेंड हो... और इसी तरह से शायद ग्राउंड पर मेरी रैगिंग की खबर सिदार को लगी......
और एक बार फिर से मुझे कल का इंतजार था, मैं चाहता था कि एक बार फिर से वो पाँचो चुड़ैल कॉलेज के पीछे वाले गेट के पास खड़ी रहे और मेरी मुलाकात उनसे हो जाए...... अब तो हॉस्टल के उस सिदार ने खुल्ली छूट दे दी है... पेलाई तो अब होगी उन सबकी... मुँह मे लात मार कर जबड़ा तोड़ दूंगा उन वेश्याओं का....
To Be Continued....
Sana Khan
01-Dec-2021 02:07 PM
Good
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Barsha🖤👑
26-Nov-2021 05:29 PM
बहुत ही रोचक भाग
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Kaushalya Rani
25-Nov-2021 09:13 PM
Well pened
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